Aja Ekadashi 2025: 19 या 20 अगस्त, कब है अजा एकादशी, जानें पूजा विधि
Aja Ekadashi Kab Hai: अजा एकादशी 2025 का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस साल यह व्रत अगस्त माह में पड़ रहा है. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं तिथि, पूजा विधि और महत्व. The post Aja Ekadashi 2025: 19 या 20 अगस्त, कब है अजा एकादशी, जानें पूजा विधि appeared first on Prabhat Khabar.

Aja Ekadashi Kab Hai: भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है. यह तिथि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आती है. इस दिन भगवान विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से समस्त पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है.
कब है अजा एकादशी 2025 ?
इस वर्ष अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा.
अजा एकादशी 2025 का शुभ समय
- अजा एकादशी तिथि का प्रारंभ : 18 अगस्त 2025, शाम 5:22 बजे
- एकादशी तिथि का समापन : 19 अगस्त 2025, दोपहर 3:32 बजे
- व्रत पारण का मुहूर्त : 20 अगस्त 2025, सुबह 5:53 से 8:29 बजे तक
अजा एकादशी 2025 की पूजा विधि
- प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें.
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए श्रद्धापूर्वक व्रत का संकल्प लें.
- घर के मंदिर में श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
- भगवान को फल, फूल, अक्षत, वस्त्र, मिठाई, दीपक और धूप अर्पित करें.
- घी का दीप प्रज्वलित करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
- अजा एकादशी की कथा श्रद्धा से पढ़ें या सुनें.
- अगले दिन व्रत पारण से पहले जरूरतमंदों को दान अवश्य करें.
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अजा एकादशी से जुड़ी मान्यताएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि अजा एकादशी के प्रभाव से ही राजा हरिश्चंद्र ने अपना खोया हुआ राज्य वापस पाया था और उनका मृत पुत्र पुनः जीवित हो गया था. इस व्रत का फल हजार गौदान करने के बराबर माना जाता है.
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