कभी भी बेटी-दामाद का अपमान नहीं करना चाहिए : बिहारी बाबा

प्रखंड क्षेत्र के चवरिया गांव में चल रहे सत्यचंडी महायज्ञ सह मां काली प्राणप्रतिष्ठा यज्ञ के दौरान कथावाचक बिहारी बाबा ने अपने संगीतमय कथावाचन के दौरान देवी सती का प्रसंग सुनाया. The post कभी भी बेटी-दामाद का अपमान नहीं करना चाहिए : बिहारी बाबा appeared first on Prabhat Khabar.

Jun 14, 2024 - 00:30
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कभी भी बेटी-दामाद का अपमान नहीं करना चाहिए : बिहारी बाबा

सूर्यपुरा. प्रखंड क्षेत्र के चवरिया गांव में चल रहे सत्यचंडी महायज्ञ सह मां काली प्राणप्रतिष्ठा यज्ञ के दौरान कथावाचक बिहारी बाबा ने अपने संगीतमय कथावाचन के दौरान देवी सती का प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि कठिन तपस्या के बाद माता सती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त किया था. लेकिन, दक्ष प्रजापति भगवान भोलेनाथ को पसंद नहीं करते थे. राजा दक्ष ने कनखल में हवन का आयोजन किया था. इसमें सभी देवों और राजाओं को आमंत्रित किया गया. लेकिन, भगवान भोलेनाथ को न्योता नहीं दिया गया. माता सती के हवन में जाने के बाद दक्ष ने उनके सामने भगवान भोलेनाथ का अपमान किया. इसे माता सती बर्दाश्त नहीं कर पायीं और उन्होंने हवन कुंड में अपने प्राण की आहुति दे दी. इससे क्रोधित भोलेनाथ ने हवन कुंड को नष्ट कर दिया और माता सती के शरीर को उठा ले गये. माता सती के शरीर के अंश जहां जहां गिरे, वे स्थान अब भी सिद्धपीठ के तौर पर विख्यात हुए. इसलिए बेटी का अपमान नहीं करना चाहिए. बेटी को मायके में समुचित सम्मान दिया जाना चाहिए. जहां बेटी-दामाद का आदर नहीं होता, वहां से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है. उस घर में आने से कतराती है.

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