मिट्टी जांच के लिए खेतों से लिये गये 8653 नमूने
चालू वित्तीय वर्ष में जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच करने के लिए मिट्टी जांच प्रयोगशाला कैमूर द्वारा 8653 नमूनों का संग्रह किया गया. The post मिट्टी जांच के लिए खेतों से लिये गये 8653 नमूने appeared first on Prabhat Khabar.

भभुआ. चालू वित्तीय वर्ष में जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच करने के लिए मिट्टी जांच प्रयोगशाला कैमूर द्वारा 8653 नमूनों का संग्रह किया गया. इसमें से जांच के बाद 6008 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित कर दिया गया है. गौरतलब है कि आधुनिक खेती में उत्पादन बढ़ाने तथा जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किसानों के मिट्टी की जांच कराने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. मिट्टी के नमूनों के प्रयोगशाला जांच के बाद मिट्टी के अंदर मौजूद पोषक तत्वों तथा हानिकारक तत्वों के आलोक में मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित कर मिट्टी के उर्वरता के हिसाब से खेती करने की सलाह दी जाती है. इधर, इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 10300 मिट्टी जांच के नमूना संग्रह करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसमें से आठ हजार 653 मिट्टी के नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए प्राप्त किये गये थे. इसमें से 6386 नमूनों की जांच प्रयोगशाला में करायी जा चुकी है और 6008 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि मिट्टी जांज के नमूने खरीफ और रबी फसलों या अन्य फसलों की बुआई के पहले लिये जाते हैं. उन्होंने बताया कि लगातार फसल उत्पादन में वृद्धि और बढ़ती सघन खेती के कारण मिट्टी के पोषक तत्वों का हराष भी तेजी से हो रहा है. इसलिए किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य कार्ड के हिसाब से खेती करना चाहिए. जो किसान अपनी मिट्टी की जांच कराने के बाद मिट्टी की उर्वरता के हिसाब से खेती करते हैं, उनके फसलों का उत्पादन बेहतर होता है और किसानों को इससे काफी लाभ मिलता है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मिट्टी में पोषक तत्वों का भंडार होता है. मिट्टी पौधों को सीधा खड़ा रखने में भी सहायता देती है. लेकिन, पौधों को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए कार्बन, आक्सीजन, नेत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्सियम, मैग्नीशियम सहित कम से कम 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. मिट्टी की जांच से उसके अम्लीयता, लवणीयता का पता चलता है. इसके बाद यह देखा जाता है कि मिट्टी में भूमि सुधारक रसायन की आवश्यकता है या नहीं और अगर है तो कितनी मात्रा में होनी चाहिए, यह सब जानकारी मिट्टी जांच के बाद ही प्राप्त होती है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रखंडवार वितरण प्रखंड कार्ड संख्या अधौरा 170 भभुआ 436 भगवानपुर 632 चैनपुर 394 चांद 840 रामपुर 626 कुदरा 1036 मोहनिया 407 रामगढ़ 329 दुर्गावती 870 नुआंव 268
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