छोटे देशों का भविष्य खतरे में! ग्रीम स्मिथ ने दो-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर उठाए सवाल

Graeme Smith: आईसीसी के टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए टू टियर सिस्टम लाने के प्लान पर ग्रीम स्मिथ ने सवाल उठाए हैं. The post छोटे देशों का भविष्य खतरे में! ग्रीम स्मिथ ने दो-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर उठाए सवाल appeared first on Prabhat Khabar.

Jan 9, 2025 - 13:15
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छोटे देशों का भविष्य खतरे में! ग्रीम स्मिथ ने दो-स्तरीय टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर उठाए सवाल

Graeme Smith:: टेस्ट क्रिकेट को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए आईसीसी चेयरमैन जय शाह अगले महीने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड के प्रमुखों से मिलने वाले हैं. इस मुलाकात में टेस्ट मैचों के लिए दो-स्तरीय प्रणाली पर विचार किए जाने की उम्मीद है. इस प्रारूप में बड़ी टीमें आपस में ज्यादा टेस्ट मैच खेलेंगी. इस प्रारूप में छोटी टीमों के लिए मौके कम हो सकते हैं. इसी बात पर ध्यान दिलाते हुए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने अपनी बात रखी है. उन्होंने इस विचार पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे टॉप की तीन देशों- भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य टीमों को संघर्ष करना पड़ सकता है.

स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए ग्रीम स्मिथ ने कहा कि दो स्तरीय प्रणाली का दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट पर क्या प्रभाव पड़ेगा, “दक्षिण अफ्रीका विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में हैं और इस बार हमारे पास गदा (Mace) जीतने का मौका है. मुझे लगता है कि यह बड़ी बात है. मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में, यदि आप समय की अवधि पर नज़र डालें तो उनकी जीत का प्रतिशत वास्तव में काफी अच्छा है.” 

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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी- गदा

बड़ी टीमें हर समय खेलती रहती हैं

उन्होंने दो स्तरीय प्रणाली पर बात करते हुए आगे कहा कि ऐसा किसी भी खेल में नहीं होता है जहाँ शीर्ष तीन देश हर समय एक दूसरे से भिड़ते हुए नजर आते हैं और इसमें एक संतुलन होना चाहिए जो अन्य देशों को बड़ी टीमों के साथ खेलने की अनुमति देता है. टेस्ट क्रिकेट के लिए दो-स्तरीय प्रणाली शीर्ष टीमों को बाकी टीमों से अलग करेगी, जिसमें छोटी टीमें निचले डिवीजन में एक-दूसरे के साथ खेलेंगी. उन्होंने कहा, “मुझे ICC के लिए भी दुख है. मैं आज सुबह एक नोट देख रहा था कि अगले दौर में इंग्लैंड और भारत एक-दूसरे के साथ कितना खेल रहे हैं, और ऑस्ट्रेलिया भी उसी तरह खेल रहा है. बाकी देशों के लिए यह काफी कठिन हो जाता है.”